विश्वेशं माधवं ढुण्ढिं दण्डपाणिं च भैरवम्।
वन्दे काशीं गुहां गंगा भवानीं मणिकर्णिकाम्॥
#अर्थात् विश्वेश्वर या विश्वनाथ जी ज्योतिर्लिंग,बिन्दुमाधव ढुण्ढिराज गणेश, दण्डपाणि कालभैरव, काशी, गुहा गंगा (उत्तरवाहिनी गंगा), माता अन्नपूर्णा तथा मणिकर्णिक आदि की मैं वन्दन करता हूँ।
#मोक्ष_नगरी_काशी_में उक्त देवी देवता प्रमुख है….
#अर्थात् काशी में अन्य देवी देवता उक्त के ही स्वरूप है,..
जो अनेक स्थानों पर विराजमान होकर मनुष्य को उनके कर्मो के हिसाब से फल प्रदान करते है।
#इसलिए जो व्यक्ति काशी में अनेक प्रकार की यात्राएं करने में असक्षम है,वह #काशी_की_अनुक्रम_यात्रा को अवश्य करते है ..।जिससे उन्हे भोग और मोक्ष दोनो प्राप्त होता है
1. #विश्वेश्वर = श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रसिद्ध
2. #माधवं = श्री बिंदु माधव पंचगंगा घाट प्रसिद्ध
3. #ढूंढी = ढूंढीराज गणेश,गेट नंबर 1विश्वनाथ गली प्रसिद्ध
4. #दंडपाणि = दंडपाणि विश्वनाथ गली में स्थान परिवर्तित
5. #भैरव = काल भैरव मंदिर प्रसिद्ध
6. #वंदे_काशी = काशी देवी मंदिर , कर्मघन्टा .
7. #गुहां = जैगीषव्य ऋषि क गुफा पाताल पूरीमठ ईश्वरगंगी
8. #गंगा = गंगा दर्शन गंगा स्नान और (आदि गंगा,ईश्वर गंगी पोखरा)
9.#भवानी =भवानी गौरी , अन्नपूर्णा मंदिर प्रसिद्ध भवानी गौरी एवं माता अन्नपूर्णा दोनो एक है।
10. #मणिकर्णिकां = मणिकर्णिका घाट पर स्नान कर मणिकर्णिका देवी दर्शन सिंधिया घाट के ऊपर आत्मविरेश्वर मंदिर के सामने