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हरियाली एवं जल विहार श्रृंगार पर फूलों से सजा बाबा बटुक भैरव का दरबार। Varanasi Batuk Bhairav । Kashi

हरियाली एवं जल विहार श्रृंगार पर फूलों से सजा बाबा बटुक भैरव का दरबार। Varanasi Batuk Bhairav । Kashi

बाबा बटुक भैरव जी का हुआ वार्षिक हरियाली एवं जल बिहार श्रृंगार महादेव के बालरूप का दर्शन कर भक्त हुए निहाल

– रजत सिंहासन पर विराजमान बालरूप महादेव ने भक्तों को दिया दर्शन।

वाराणसी। प्राचीन श्री बटुक भैरव मन्दिर, कमच्छा में प्रतिवर्ष की भाँति इस बर्ष भी श्री बाबा बटुक भैरव जी का भव्य हरियाली श्रृंगार एवं जल बिहार रविवार को आयोजित हुआ। इस वर्ष महादेव ने अपने बालस्वरूप का दर्शन रजत सिंहासन पर विराजमान होकर अपने अनन्य भक्तों को दिया। दिव्य झाँकी का नयनाभिराम दर्शन जिसकी प्रतिक्षा श्री बाबा बटुक भैरव जी के श्रद्धालुओं को सदैव रहती है, के लिए भक्तों का तांता प्रातः 5.00 बजे से ही लगना प्रारम्भ हो गया।

प्रातः 5.00 बजे बाबा का पंचामृत स्नान के बाद मंगला आरती हुई। इसी के साथ श्रद्धालुओं द्वारा श्री बाबा बटुक भैरव जी के दर्शन पूजन का क्रम अनवरत शुरू हो गया।  बाबा के अलौकिक बालस्वरूप के दर्शन के लिए भक्त निरन्तर पहुंचते रहे। जहां श्रद्धालु अपने अराध्य के तेजपूर्ण स्वरूप के दर्शन कर अपलक निहारते रहे। रात्रि 9ः00 बजे बाबा की महा आरती हुई। महन्त राकेश पुरी ने बाबा की महा आरती 1008 बत्ती वाले दीपदान एवं सवा किलो कपूर द्वारा किया। महाआरती के दौरान 51 भक्तों द्वारा डमरू बजाया जा रहा था। इस पावन अवसर पर  श्रद्धालुजन श्री बाबा बटुक भैरव जी का दर्शन कर भण्डारें में प्रसाद प्राप्त निहाल हुए।

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री बाबा बटुक भैरव के दरबार गर्भगृह एवं मंदिर परिसर में हरियाली श्रृंगार तथा जल बिहार झाँकी की सजावट अति भव्य की गई थी। था। साथ ही मंदिर परिसर के बाहर गुफा रूपी मार्ग बनाया गया था, जहां की सज्जा, पक्षी, सांप आदि जीवन्तता का एहसास करा रहे थे। तो वही गुफा रूपी मुख्यद्वार से ही श्रद्धालुओं को अलौकिक आनन्द प्राप्त हो रहा था। प्रसिद्ध मालियों द्वारा कामिनी की पत्तियों, अशोक की पत्तियों, बेला, गेंदे की माला, फल, गुलाब के फूल की माला द्वारा गर्भगृह, मन्दिर परिसर एवं आसपास सुन्दर सजावट की गई थी। मन्दिर के महंत भास्कर पुरी एवं राकेश पुरी के दिशा निर्देशन में समस्त कार्यकर्तागण सम्पूर्ण व्यवस्था के संचालन में अनवरत लगे रहे।

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