महात्मा विदुर दासी के पुत्र थे। महाराज धृतराष्ट्र के सौतेले भाई थे। महाभारत के दौरान उन्होंने लोगों को अपनी नीतियों से अवगत कराने का प्रयास किया था। विदुर को कुशल राजनीतिज्ञ बताया जाता है। उनकी कही बातों को अपनाकर जीवन में सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने जीवन को सहने योग्य और सफल बनाने के लिए बहुत ही सरल उपाय बताए हैं। जिससे जीवन जीना और आगे बढ़ना आसान हो जाता है। आइए जानते हैं विदुर की नीति क्या कहती है।
1. उन पर कभी भरोसा मत करो जो भरोसे के काबिल नहीं है,बल्कि जो भरोसे के काबिल है उन पर हद से ज्यादा भरोसा करो। विश्व से पैदा हुआ डर मूल उद्देश्य को भी पराजित करता है।
2. काम, क्रोध, लोभ ये तीनों नरक के द्वार हैं। ये तीनों आत्मा के नाश करने वाले हैं। इसलिए इनसे हमेशा दूर रहें।
3. जो अच्छे कर्म करता है और बुरे कर्मों से परहेज करता है। उसे पंडित कहा जाता है।
4. जिसकी इज्जत की जाती है, वह खुशी से खिलता नहीं है। अनादर होने पर क्रोध नहीं आता। ऐसे व्यक्ति को ज्ञानी कहा जाता है।
5. किसी भी काम को शुरू करने से पहले जरूरी है कि आप सोच-विचार करें। आधे-अधूरे मन से किया गया कार्य अधूरा रहता है। किसी भी काम में पूरी सफलता तभी मिलेगी जब आप उसे पूरे मन से करेंगे।
6. जो अपने मन को नियंत्रित नहीं कर सकता वह कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता।
7. आपको अपना धन कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए। जिसके इरादों पर आपको संदेह हो। ऐसा व्यक्ति आपके पैसों का गलत इस्तेमाल करता है और आपको परेशानी में डाल सकता है।
8. जो व्यक्ति बलवान होने पर भी क्षमा कर सकता है और गरीब होने पर दान दे सकता है। उसे स्वर्ग में स्थान मिलता है।
9. एक व्यक्ति जो हमेशा बीमार रहता है। उसे शरीर के साथ धन की भी हानि उठानी पड़ती है। अतः रोग से मुक्ति ही सबसे बड़ा सुख है।
10. आपना धन कभी भी किसी आलसी व्यक्ति को न दें। वह अपने आलस्य से धन का नाश करता है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’